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अमेरिका,,चीन,,पाकिस्तान और भारत —

वैचारिक प्रवाह
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उसने  न्यूक्लियर हथियार लेकर जाने वाली छोटी दूरी की मिसाइल हत्फ ९ का परीक्षण किया ,,मिसाइल हत्फ सीरीज की 9 वेंप्रकार की  मिसाइल नस्र को विकसित किया इसकी मारक क्छ्मता 60 किलोमीटर है, हत्फ 7 जिसकी मारक क्छ्मता600 किलोमीटर है, हत्फ 5 जिसकी मारक क्षमता 1300 किलोमीटर है इसके अलावा कम दूरी की मिसाइल गजनवी मध्यम दूरी की मिसाइल गौरी और शाहीन है इसके अलावा वह चीन से छह पनडुब्बी खरीदने की योजना बना चुका है ऐसी पनडुब्बी जिसमें ए आई पी तकनीक हो  वह भारत से निरंतर छद्म युद्ध तो लड़ ही रहा है उसके सेना के जवान आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं,, पूर्व मेजर जनरल साजिद मीर, अब्दुर रहमान, हाशिम सैयद, इलियास कश्मीरी एवं तमाम सैन्य अफसरों जो इस छद्म युद्ध में निरंतर क्रियाशील हैं  आज की ताजा स्थिति यह है कि पाकिस्तानी सैनिकों का लगातार भारत की आतंकी घटनाओं में स्पस्ट हाथ होने के बावजूद भी सरकार केवल पाकिस्तान से गुजारिश ही कर रही है कि इन वांछित आतंकियों को वह भारत को सौंप दे यह कब तक चलेगा भारत जिसकी अर्थव्यवस्था के सामने पाकिस्तान चींटी के भी बराबर भी नही है अगर पूर्ण आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दे जब तक कि उसे उसके वांछित आतंकी नही मिल जाते लेकिन यह करने के लिए भी सरकार में माद्दा चाहिए ,,इतना सब होने के बाद भी भारत की आखें नही खुलीं ,,चीनी सैनिक और इंजीनियर पी ओ के में बिजली परियोजना तथा कराकोरम हाईवे के निर्माण में जुटे हुए हैं ,,क्या किसी दूसरे देश के सैनिकों का किसी (विवादित ,,परन्तु मेरे शब्दों में भारतीय भूमि पर ) देश में ऐसे कार्य करना संदेह उत्प्पन्न करने के लिए पर्याप्त नही है ? इसके पहले चीन ने काश्मीरियों को वीजा नत्थी करके देने का नया तरीका अपनाया था लेकिन भारतीय सरकार  ने केवल प्रतीकात्मक विरोध करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जबकि सुरक्छा एजेंसियां चीनी खतरे से भारत को लगातार आगाह करती रही हैं ,,इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस पहले ही चीन के नापाक इरादों के बारे में आगाह कर चुका है आईडीएसए की रिपोर्ट पर अगर विश्वाश करें तो चीन का इरादा 2020 पीओके को अपने कब्जे में कर लेना है ,,फिर भारत का यह विवादित क्छेत्र जिसे विवादित बनाने के लिए सरकार ही पूरी तरह दोषी है चीन के कब्जे में होगा ,,(एक कमजोर मगर दुष्ट पड़ोसी का सामरिक दृष्टिकोण से अति महत्त्वपूर्ण परिक्छेत्र को मजबूत दुश्मन के हाथ सौंपना) आई डी एस ए  ने अपनी रिपोर्ट में 7 से 11 हजार चीनी सैनिकों के इस क्छेत्र में होने की आशंका जाहिर की है  चीन ने पड़ोसी देश नेपाल में भी चीनी फौजियों कीलगातार तादाद बढ़ाने में जुटा है ,चीन के दबाव में नेपाल ने 20 हजार ति‍ब्‍बती शरणार्थियों को वोटिंग करने से रोक दिया था ,,लादेन प्रकरण पर भी चीन पाकिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि उन्‍हें डर है कि पाकिस्‍तान कहीं अस्थिरता का शिकार नहीं हो जाए ,चीनी प्रवक्ता ने कहा कि वह पाकिस्‍तान पर मुंबई हमलों के अपराधियों को भारत के हवाले करने के लिए कोई दबाव नहीं डालेगा वर्तमान समय में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत है वह अर्थव्यवस्था के मामले में अमेरिका को मजबूत टक्कर दे रहा है,,पिछले वर्ष जब उत्तर कोरिया ने जब दक्षिण कोरिया के एक द्वीप पर आक्रमण किया था और दक्षिण कोरिया की नौसेना के एक जहाज को डूबा दिया था उस समय अमेरिका समेत अनेक देशों ने उत्तर कोरिया की आलोचना की थी परन्तु चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका और दक्षिण कोरिया को ही सीख देने का प्रयाश किया था एवं आक्रमण के बाद चीन ने अपनी प्रतिक्रिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की मांग की तीखी आलोचना की थी ,,चीन निरंतर अपनी सामरिक ताकत को बढ़ाता जा रहा है चीन ने जे-२० स्टील्थ फाइटर जेट का पहला परीक्षण जनवरी में किया था जो रडार की निगाहों से बच निकलने में स्क्छ्म है एवं चीन ने एक मध्यम आकार के मानवरहित हेलीकॉप्टर का सफल परीक्षण किया यह हवा में फोटोग्राफ लेने और गुप्तचर गतिविधियों में सक्षम है ,वी750 नाम का यह हेलीकॉप्टर मानवरहित हेलीकॉप्टरों में सबसे बड़ा है यह अधिकतम 500 किलोमीटर तक और लगातार चार घंटे तक चक्कर लगा सकता है 3,000 मीटर तक की अधिकतम ऊंचाई पर उड़ सकता है ,भारत से सटे इलाके में चीन पहले से ही (सामरिक द्रिसटिकोण से )विकास के कार्यों को बहुत तेजी से करता रहा है उसने 2010 में 58,000 किलोमीटर स़डकें बनवाई वह गर गुंसा, होपिंग,पनगता, लिंची,गोंगार, में पांच हवाई क्छेत्रों का निर्माण कर चुका है वह इन हेलीपेडों पर रूस निर्मित अति आधुनिक सुखोई 27यूबीके सुखोई 30 एमकेके लड़ाकू विमान तैनात करेगा ,,चीन ने लगातार भारत से सटी सीमा पर लगातार निर्माण कार्य करता जा रहा है तिब्बत में मेटोक तक वह सड़क बना रहा है इस स्थान का सामरिक महत्त्व अत्याधिक है गौरतलब बात यह है कि अरुणाचल को चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा कहता है 117 किलोमीटर की इस सड़क के बन जाने से मेटोक बोमी काउंटी से जुड़ जाएगा चीन ने इसी हाईवे से 3.3 किमी लम्बी एक सुरंग का निर्माण भी कर रहा है समुद्र तल से 3,750 मीटर की ऊंचाई पर बर्फ से ढंके गैलोंग्ला पर्वत पर यह सुरंग बनाई गई है इस सुरंग के पूरी होते  ही चीन कभी भी बड़ी ही आसानी से भारत में प्रवेश करने में स्क्छ्म हो सकता है और हमारे सैनिकों को खबर भी नही लगेगी ,, विलकीस ने भी  खुलासा किया है कि चीन के अत्याधुनिक और अति घातक हथियार आतंकियों के हाथों में पंहुच रहे हैं (या चीन द्वारा उन्हें बांटा जा रहा है )चीन वर्ष 2011 के अंत तक म्यांमार में रेल लाइन बिछाने वाला है जिससे भारत के आर्थिक हितों पर भी कुठाराघात होगा ,,आज भारत नक्सली समस्या से जूझ रहा है क्या इन नक्सलियों के तार चीन से जुड़े नही हो सकते भारतीय मुद्रा से चीनी हथियारों की खरीद कोई बुरा सौदा नही है चीन के लिए एक तीर से दो शिकार ,व्यापार तो हो ही रहा है साथ ही साथ रूश जैसे 13 भागों में विभाजित करने की योजना पर भी धीरे अमल हो रहा है क्योंकि एशिया में दो ही देश मजबूत स्थिति में हैं एक भारत दूसरा चीन अमेरिका इन दोनों से ही चिंतित है क्योंकि कोई भी अधिक आगे निकले इससे अमेरिका की चौधराहट एशिया में कम हो जायेगी ,,और चीन को भारत से माकूल जमीन अपनी शक्ति प्रदर्शन हेतु मिलने वाली नही ,,और अमेरिका को इन दोनों (तीसरा तो किसी गिनती में ही नही है) पर लगाम कसना है …………………………….जय भारत

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