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भारतीयों की प्रजनन क्षमता मे अत्यधिक वृद्धि (विचार करें )

वैचारिक प्रवाह
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शीर्षक पढ़ने में हास्यास्पद है लेकिन पूरी तरह सच हैATT3_2 भारत में जब से जनसंख्या नीति बनी तभी से यह विस्फोट हो रहा है ,,हमारा पड़ोसी बांगलादेश भारत में इतना अधिक मानव निर्यात कर रहा है की हम उसे सम्भाल भी नही पा रहे हैं,,(रजिया बेगम दक्षिनी दिल्ली खानपुर से २८ दि० २००७ को गिरफ्तार किया गया ,,अदालत ने उन्हें निर्वासित कर दिया ) (कोहिनूर एक संदिग्ध आतंकवादी बांगलादेश के लोगों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने में सहायता करता था जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया ) वह न जाने कितने लोगों को सीमा पर करा चुका था |

यह कुछ एक उदाहरण है जो खुफिया संस्थानों या पुलिस द्वारा प्रकाश में लाये गये ,,जबकि हम भारत में नजर डालें तो हमारी जनसंख्या सांख्यिकी पूरी तरह बदल चुकी है,आसाम ,नागालैंड ,मिजोरम ,दिल्ली ,( बिहार :-कटिहार ,पूर्णिया,साहेबगंजकितने नामों का उल्लेख करूं) आदि में बहुसंख्यक अल्पसंख्यक हो गये हैं |

ध्यान देने योग्य बात यह है ,कि हमारा पड़ोसी चीन जिसकी सहृदयता को हम अच्छी तरह से जानते हैं वह इस जनसांख्यिकी का अपने हित में कितना और किस तरह उपयोग कर सकता है इसको हम अच्छी तरह जान समझ सकते हैं | आज भारतीय अल्पसंख्यक हो रहा है,हम नेताओं को दोष देंगे लेकिन हमारा दायित्व क्या है ,हमारे ही पडोस में एक शादी होती है शुरू शुरू में हमे नवविवाहित जोड़ा देखने को मिलता है फिर कुछ दिनों बाद उसके माँ बाप भाई बहन सभी आ जाते हैं हम मूक दर्शक बने रहते हैं ,,(हमारे सामने ही राशन कार्ड नेताओं के सहयोग से बनवा दिए जाते हैं ,वोटर कार्ड भी उन्हें हासिल हो जाता है) हम देखते रहते हैं (भाई चारा जो बनाना है सर्वधर्म समभाव के तहत वो भी हमारे भाई जो हैं ) सारी जनसंख्या नीति केवल एक समुदाय विशेष के ऊपर ही निर्भर है (बाकी सारे समुदाय भारत को जनसंख्या में सर्वोपरि बनाने में जुटे हुए हैं और उनके विदेशी भाई बन्धु भी इसमे सहयोग कर रहे हैं शादी विवाह के द्वारा या अन्य तरीकों से उन्हें भारतीय बनाने की सारी कोशिशें अपनाई जाती हैं) (आज भारत में लगभग दो करोड़ हो सकता है इससे भी अधिक बंगलादेशी मुस्लिम भारत में निवाश कर रहे हैं,नेता भी आँख मूद कर उन्हें भारतीय नागरिक बना कर अपने वोट बैंक की खातिर इस देश की बेरोजगारी और गरीबी बढ़ाने में योगदान कर रहे हैं ) ( वो दो करोड़ औरकितना उत्पादन कर रहे हैं हम केवल इसका आंकलन ही कर सकते हैं ) लेकिन हमारा दायित्व क्या है ? हम सर्व धर्म समभाव की बात करके अपने आपको बहला रहे हैं ,,लेकिन हमारे युवाओं का क्या होगा क्या वह बेरोजगारी के आलम में यूँ ही पिसते रहें (और कुछ लोग विदेशियों को बुला बुला कर उन्हें दिल से लगाते रहें ) जबकि अमेरिका जैसा देश जो वैध तरीकों पर भी कड़ा रुख अपना रहा है क्योंकि उनके अपने युवा बेरोजगार हैं ********धन्य हो भारत धन्य हो भारतीयकर्णधार धन्य हो हमारे मार्ग दर्शक (हे माँ भारती इन लोगों को सदबुधि दे)

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